
108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन 500 से अधिक का हुआ गुरु दीक्षा संस्कार
· 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन 5100 दीपों से जगमग हुआ यज्ञ स्थल
अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन एवं गायत्री परिवार ट्रस्ट चित्तौड़गढ़ के नेतृत्व में गायत्री शक्ति पीठ में 5 से 8 फरवरी को आयोजित विराट 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन कई संस्कारों के साथ दोपहर 1 बजे पूर्ण हुआ हजारों श्रद्धालुओं ने यज्ञ भगवान को गायत्री मंत्र के साथ आहुतियां समर्पित की, महायज्ञ में सतत श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है |
प्रबंध ट्रस्टी रमेश चंद्र पुरोहित ने बताया की 9 बजे से विराट 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के लिए व्यास पीठ पूजन महेश ईनाणी, सतीश शर्मा पार्वती शर्मा, कलश पूजन कन्हैया लाल खंडेलवाल, जयश्री पालीवाल, शरद निगम, मंजु सैनी, गुरु पूजन बिनका छिपा, बी एस गर्ग, माया सिंह, गायत्री पूजन सुरेश शर्मा, सुरेश कल (मानव जल सेवा), रमा शंकर वेद ऋषि पूजन वीरेंद्र पंचोली, सुनीता पंचोली, प्रदीप गौड़, चंद्रशेखर पालीवाल, प्रभा पालीवाल, गुरु पूजन बिनका छिपा, बी. एस. गर्ग, माया सिंह, सर्वतोभद्र पूजन सत्य नारायण हेडा, विनोद आचार्य, सीमा पारिक, रजनी शर्मा, कविता यादव, जयंती यादव, राम गोपाल कलंत्री, रमेश उपाध्याय, राम गोपाल, संगीता, भेरू लाल धाकड़, सत्य नारायण हेडा द्वारा किया गया
महाआरती फतेह सिंह देवपुरा, आभा जोशी, देवकी साहू, दीपमाला, पूजा, अमृत लाल चंगेरिया द्वारा कराई गई, यज्ञ शाला प्रभारी जगदीश जोशी ने बताया की इस महायज्ञ में शांतिकुंज के टोली नायक आचार्य सुनील शर्मा के मार्गदर्शन में बड़ी संख्या में संस्कार संपन्न हुए जिसमें 500 से अधिक गुरु दीक्षा संस्कार, 100 यज्ञोपवीत संस्कार, 5 पुंसवन संस्कार, 5 अन्नप्राशन संस्कार, 3 नामकरण संस्कार, 5 विद्यारंभ संस्कार के साथ महायज्ञ संपन्न हुआ, साथ ही आचार्य ने गायत्री मंत्र का महत्व समझाते हुए बताया कि गायत्री सद्बुद्धि और सद्ज्ञान की देवी हैं गायत्री मंत्र का महत्व समझाया और तीन माला प्रतिदिन करने का संकल्प कराया, उन्होंने पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के योगदान का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने 24-24 लाख के 24 महापुरश्चरण किए और 3200 पुस्तकें लिखीं |
सायं कालीन कार्यक्रम के दौरान 2 हजार से अधिक लोगों के समक्ष प्रज्वलित 5100 दीपों से यज्ञ स्थल ईनाणी सिटी सेंटर, में दीपावली का वातावरण नजर आया और एक बार फिर ये शक्ति और भक्ति की नगरी अपने आप में गौरवान्वित हुआ, सुबह से देर रात तक चल रहे विशाल भंडारे में शुक्रवार को 5 हजार से अधिक लोगों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया |
इस से एक दिन पूर्व आचार्य सुनील शर्मा ने संध्या प्रवचन में परम पूज्य वेद मूर्ति तपोनिष्ट प. श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा लिखी गई पुस्तक ' गहना कर्मों गति' की व्याख्या करते हुवे बताया कि कोई भी व्यक्ति किए गए कर्म से बच नहीं सकता है, कर्म तीन प्रकार के होते हे संचित कर्म, 500 से अधिक को गुरु दीक्षा दिलाई गई, पुंसवन संस्कार से 50 अधिक महिलाओं का कराया गया साथ ही अन्नप्राशन संस्कार एवं यज्ञ पवित्र संस्कार 500 से अधिक का कराया गया |
शीश राम यादव एवं भवानी शंकर ने बताया कि गायत्री महायज्ञ के चौथे और अंतिम दिन शनिवार 8 फरवरी को प्रात: 6 बजे ध्यान साधना, प्रज्ञा योग, प्रातः: 8 बजे से गायत्री महायज्ञ, विभिन्न संस्कार, पूर्णाहुति एवं वन्दनीया माताजी की जन्म शताब्दी के न्यूनतम संकल्प (साधना, ज्ञान घट, अंशदान, समय दान का संकल्प) साथ ही शांतिकुंज हरिद्वार से आई हुई टोली का विदाई समारोह होगा, आज के इस यज्ञ मे चित्तौड़गढ़ पूर्व नगर परिषद सभापति सुशील शर्मा, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सचिव रणजीत लोट उपस्थित रहे |
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