Gaytari Pariwar Gaytari Pariwar Author
Title: 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का दूसरा दिन हुए कई कार्यक्रम
Author: Gaytari Pariwar
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Date: 06 फरवरी- 2025 प्रेस नोट : 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का दूसरा दिन हुए कई कार्यक्रम अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार ...

Date: 06 फरवरी-2025

प्रेस नोट : 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का दूसरा दिन हुए कई कार्यक्रम

अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन एवं गायत्री परिवार ट्रस्ट चित्तौड़गढ़ के नेतृत्व में गायत्री शक्ति पीठ में 5 से 8 फरवरी को आयोजित विराट 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में यज्ञ कुंडों में शाकल्य अर्पण के साथ ही अग्नि प्रज्वलित की गई, ज्योंही आहुतियों का क्रम प्रारंभ हुआ स्वाहा की पवित्र सामूहिक ध्वनि से सारा यज्ञ पंडाल गूंज उठा, महा गायत्री मंत्र सूर्य देव एवं महामृत्युंजय मंत्र की आहुतियों का क्रम चला जिसकी पूर्णाहुति दोपहर बारह बजे हुई,

प्रवक्ता डॉ. चंद्रशेखर चंगेरिया ने बताया कि इससे पूर्व हरिद्वार शांतिकुंज से आई टोली ने 9 बजे से विराट 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के यज्ञाचार्य वेद मूर्ति तपोनिष्ट प. श्री राम शर्मा आचार्य का वरन मुख्य ट्रस्टी रमेश चंद्र पुरोहित, रजनी शर्मा, शकर लाल सालवी ने किया, इसके बाद गुरु-गायत्री आवाहन कर, शांतिकुंज से आई हुई टोली का स्वागत किया गया, तत्पश्चात कलश पूजन हेतु नाहर सिंह कोठारी और नटवर जागेटिया द्वारा किया गया, दीप पूजन शशि निगम एवं रमेश जी उपाध्याय द्वारा किया गया, गुरु पूजन प्रमोद दशोरा, गिरीश दीक्षित, विनीता दीक्षित द्वारा किया गया, मां गायत्री पूजन का पूजन अशोक छिपा, ऐवम जय प्रकाश छिपा, गोपाल कृष्ण व्यास द्वारा किया, मंच पूजन अशोक कुमार सोनी द्वारा कराया गया, उसके बाद देव मंच से सभी देवी-देवताओं एवं ऋषि-महर्षियों का आह्वान किया, वेद मंत्रों के साथ यज्ञ प्रक्रिया को दीक्षित करने के क्रम में सबसे पहले यज्ञ मंडप के अग्नि कोण, नेरित्य कोण, वायु कोण, ईशान कोण तथा आकाश तत्व का पूजन संपन्न हुआ, मंडप के चारों और स्थापित तत्व वेदियों का भी साधकों द्वारा जोड़े के साथ विधिविधान से पूजन करवाया गया, साथ ही पंचतत्व की पूजा विधि भी संपन्न हुई, सप्तर्षियों में महर्षि गौतम, महर्षि भारद्वाज, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि कश्यप, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ एवं महर्षि अत्रि का आह्वान हुआ, इसके बाद 33 कोटि देवी-देवताओं का जाप करते हुए साधकों से वेद मंत्रों के साथ पूजा-अर्चना करवाई, माता अरुंधति, माता गौरी, माता गायत्री, माता सरस्वती, माता लक्ष्मी, माता दुर्गा एवं माता धरती का भी पूर्ण विधिविधान से पूजन किया गया, ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र के साथ ही वायु, इंद्र, कुबेर, अश्विन कुमार, सूर्यदेव के साथ ही नव ग्रहों को यज्ञ मंडप में स्थापित किया गया, पूजा विधि संपन्न होने के बाद हवन कुंडों पर बनाई गई पवित्र सफेद लाल और काली रेखाओं का पूजन किया गया, हवन में शाकल्य के रूप में चंदन, अशोक, पीपल, खांखरे की लकडिय़ों का बुरा, सुपारी, शक्कर, मिश्री पर शुद्ध घी का लेपन कर यज्ञ कुंड में अर्पित किया गया, इसके बाद देव मंच से यज्ञ कुंडों में अग्नि प्रज्वलित करने का आव्हान होते ही वेद मंत्रों के साथ आहूतियों का क्रम चला तो स्वाहा की पवित्र ध्वनी से संपूर्ण यज्ञ पंडाल गूंजायमान हो गया, इसी के साथ देव मंच से लगातार गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न प्रकार के संस्कारों के बारे में ज्ञान की गंगा प्रवाहित होती रही, पूर्ण आहुति के पश्चात महाआरती परमिंदर AEN द्वारा करी गई, इससे पूर्व प्रात: 6 बजे ध्यान साधना एवं प्रज्ञा योग से महायज्ञ कार्यक्रम के आयोजन की शुरुआत हुई |

रमाशंकर वेद ने बताया कि शनिवार 7 फरवरी को प्रात: 6 बजे ध्यान साधना एवं प्रज्ञा योग, प्रात: 8 बजे गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार, पुंसन संस्कार, नामकरण संस्कार, मुंडन संस्कार, विद्याराम संस्कार, यज्ञ पवित्र संस्कार, आदि संस्कार निःशुल्क कार्य जायेंगे, जिन बहनों को पुंसन संस्कार करवाना है वो किरण यादव, पार्वती बिनाका, दीपमाला, गायत्री धाकड़ से संपर्क कर अपना नाम लिखवा सकती है, दोपहर 2 बजे ‘आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी’ पर कार्यकर्ता गोष्ठी, आयोजित होगी, चंद्रशेखर धाकड़ ने बताया कि चित्तौड़गढ़, उदयपुर, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा जिले से भी कई परिजन सम्मिलित हुवे,

शांतिकुंज के प्रतिनिधि श्री सुनील कुमार शर्मा के द्वारा प्रथम दिवस का 108 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ सम्पन्न कराया गया, मंच संचालन जगदीश जी जोशी ने किया |

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Live Video Link : https://www.youtube.com/live/rUYcX8jC9GA


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